देश और संविधान को बचायेगा पीस पार्टी का भारत बचाओ संविधान बचाओ अभियान
Date posted: 29 December 2021
नोएडा: उत्तर प्रदेश में निरंतर अपना जनाधार बढ़ाने वाली पीस पार्टी राजनेतिक पार्टीयों के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है और ऐसा प्रतीत होता है कि आगामी विधानसभा चुनावों में एक निर्णायक भूमिका निभायेगी।बताते चले कि पीस पार्टी की देशव्यापी मुहिम भारत बचाओ संविधान बचाओ से सैकड़ो सेकुलरवादी व संत निंरतर पार्टी की नीतियों को अपना कर इस मुहिम से जुड़ रहे है।एक प्रेस वार्ता में इसी विषय पर बात करते हुये पीस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुर्जर ने कहा कि यह एक ऐसा आंदोलन है जो देश और संविधान दोनों को बचाना चाहता है।
ये मुद्दा देश का है,नागरिकों का है।देश और संविधान बचेगा तभी देश सुरक्षित रह सकता है और जब देश सुरक्षित होगा तभी हम सब सुरक्षित रहेंगे।यह अभियान एक साल से चल रहा है पूरे देश से इसकी कोर कमेटी में सौ लोगों को जोड़ा गया है।सभी जिम्मेदार है।विभिन्न दलों ओर संगठनों के लोग इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं।अगले दो महीने में एक लाख लोगों को पूरे प्रदेश व देश से जोड़ने का लक्ष्य है और वो पूरा हो जायेगा।आज हर कदम पर देश के संविधान को तोड़ा जा रहा है लोगो के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।सरकार अपनी तानाशाही चला रही है और जनता बेहाल है।महिलाएं अपने अधिकारो के लिये संघर्ष करते हुए सर मुड़वाने को मजबूर हैं।शासन- प्रशासन के लोग अपनी जिम्मेदारी सही तरह से नही निभा रहे हैं।देश की सरकार सब कुछ बेच देना चाहती है और देश की जनता को जाति- धर्म के मकड़ जाल में फंसाकर रखना चाहती है और यही सरकार नये संसद और नये संविधान का नारा भी देने वाली है।देश और प्रदेश के लोग अगर नींद से नही जागे तो सब चौपट हो जायेगा।इसलिए भारत बचाओ संविधान बचाओ अभियान एक साल से चलाया जा रहा था। अब इसको “भारत बचाओ संविधान बचाओ” आंदोलन का नाम दिया गया है और बहुत जल्द इसकी कमेटियों की घोषणा भी कर दी जायेगी और देश के सन्त उलेमा और आंदोलन के अनुभवी नेता और बुद्धि जीवी इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।सभी धर्म, सभी समाजों का आंदोलन होगा। एक सवाल के जवाब में श्री गुर्जर ने बताया कि पीस पार्टी इसका केवल नेतृत्व कर रही है।बाकी सभी लोग और हर विचाधारा के लोग इस से जुड़े हैं और सभी के प्रयास से एक लाख लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।बीजेपी को छोड़कर सभी दल व संगठन इसका समर्थन कर सकते हैं हम उनका स्वागत करते हैं।
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