स्क्रीनिंग में 462 लोगों में टीबी जैसे लक्षण मिले
Date posted: 20 September 2021
नोएडा: वर्ष 2025 तक देश से टीबी की बीमारी को समूल खत्म करने का प्रधानमंत्री का संकल्प है। इसी क्रम में क्षय रोग उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जा रहा है। दो सितम्बर से शुरू हुए एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) में 16 सितम्बर तक जनपद में टीबी के 16 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने खोज निकाला। इस दौरान जांच में करीब 462 ऐसे लोग मिले, जिनमें टीबी जैसे लक्षण थे। टीबी की पुष्टि के लिए करायी गयी जांच में 16 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी।
जिला क्षयरोग अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. शिरीश जैन ने बताया अभियान के पहले चरण में 2 से 6 सितम्बर तक जनपद के समस्त अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसों, नवोदय विद्यालय और कारागार में स्क्रीनिंग की गयी। इसमें 398 लोगों को खांसी बुखार की शिकायत थी और टीबी जैसे लक्षण थे। इन सभी की टीबी की जांच करायी गयी, जिसमें नौ लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। इसके बाद सात से 16 सितम्बर तक जनपद के सभी ब्लाक में एक अभियान चलाया गया, जिसमें सब्जी मंडी, साप्ताहिक बाजार, लेबर चौक, स्टोन क्रेशर पर लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। इसमें करीब 64 लोगों में बीमारी के हल्के लक्षण नजर आये। इनकी जांच की गयी तो सात लोग टीबी से ग्रसित पाये गये। डा. जैन ने बताया जांच में जिन लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है उन सभी का उपचार शुरू कर दिया गया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया 15 से 17 सितम्बर तक जनपद के नव निर्वाचित प्रधानों का टीबी को लेकर संवेदीकरण किया गया। 15 सितम्बर को बिसरख ब्लाक में स्वयं उन्होंने एसटीएलएस रविंद्र राठी के साथ ग्राम प्रधानों का संवेदीकरण किया। 16 सितम्बर को दादरी में पीपीएम कोऑर्डिनेटर पवन भाटी और 17 सितम्बर को जेवर में जिला समन्वयक अम्बुज पांडेय के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रधानों का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया। संवेदीकरण कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों को टीबी के बारे में बताया। उन्हें बताया गया कि टीबी कोई छुआछूत का रोग नहीं है। यह पीड़ित को छूने से नहीं फैलता। इसलिए टीबी पीड़ितों के साथ ऐसा व्यवहार न करें जिससे उन्हें पीड़ा हो। टीबी का वायरस केवल खांसने और छींकने पर फैलता है। टीबी के लक्षणों पर चर्चा करते हुए उन्हें बताया गया कि किसी को यदि दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बलगम के साथ खून आता हो, वजन अचानक कम होने लगे, बुखार रहता हो, रात में सोते समय पसीना आता हो या फिर थकान ज्यादा महसूस होती हो तो उसे टीबी हो सकती है। उसकी तुरंत जांच करानी चाहिए।
ग्राम प्रधानों को बताया गया इनमें से कोई लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर टीबी की निशुल्क जांच कराएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी का उपचार भी निशुल्क किया जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि एक बार टीबी का उपचार शुरू होने के बाद बीच में न छोड़ें। ऐसा करने पर टीबी और खतरनाक हो जाती है और उपचार पहले से मुश्किल हो जाता है। टीबी की बीमारी को छिपाएं नहीं, यह किसी को भी हो सकती है। नियमित और पूरे उपचार से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है।
डा. जैन ने बताया- कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों को यह बताने का प्रयास किया गया कि वह अपने क्षेत्र के सभी लोगों के संपर्क में रहते हैं यदि किसी व्यक्ति में टीबी जैसे लक्षण दिखायी दें तो वह तुरंत उसकी जांच नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर कराएं और बीमारी की पुष्टि होने पर उसका पूरा इलाज कराएं।
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