राष्ट्रीय प्रतीक को बदनाम करने की ‘आप’ सरकार की शर्मनाक कोशिश नाकाम
Date posted: 15 October 2021
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा पूर्व अध्यक्ष और रोहिणी से विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर डॉ. बी. आर. अम्बेडकर, गुरु नानक देव, कस्तूरबा गांधी, गोविंद बल्लभ पंत जैसे राष्ट्रीय आदर्शों को बदनाम करने के लिए उनके नामों के दिल्ली के पॉलिटेक्निक संस्थानों के नामों से हटाने की कोशिशों का पर्दाफाश किया। प्रदेश कार्यालय में हुए प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि इससे हर उस नागरिक की भावनाओं को ठेस पहुंची है जो इन प्रेरणादायी शख्सियतों अपने आदर्श के रूप में देखते हैं।
प्रदेश कार्यालय में हुए प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल, दिल्ली भाजपा अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष भूपेन्द्र गोठवाल और भाजपा दिल्ली के मंत्री सरदार इम्प्रीत सिंह बख्शी भी उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 7 अगस्त, 2021 को लिखे अपने एक पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल को इस मामले की जानकारी दी थी। उनके पत्र के जवाब में, उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा 11 अगस्त, 2021 को दिल्ली सरकार को भेजे एक पत्र के माध्यम से इसका जवाब मांगा। दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल को भेजे गए अपने उत्तर में दावा किया था कि नाम बिल्कुल नहीं बदले गए थे। हालाँकि, यह जानकारी पूरी तरह से झूठी थी क्योंकि दिल्ली सरकार ने 23 जुलाई, 2021 को एक विज्ञापन जारी कर संस्थानों के नाम बदलने की घोषणा की थी।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) के आधिकारिक ब्रोशर में भी इन राष्ट्रीय आदर्शों का पूर्व नामों के रूप में उल्लेख किया गया है। श्री गुप्ता ने उपराज्यपाल कार्यालय को गुमराह करने के प्रयास को सामने रखते हुए संवैधानिक कार्यालय को गुमराह करने के दोषियों पर मामला दर्ज करने की मांग की। श्री गुप्ता द्वारा राष्ट्रीय आदर्शों के नामों को हटाने पर कड़ा विरोध दर्ज करने के बाद, दिल्ली सरकार ने स्वीकार किया कि यह एक जानबूझकर उठाया गया कदम था और नामों को पहले की तरह बहाल कर दिया।
श्री गुप्ता ने आरोप लगाया कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर और गुरु नानक देव जैसे राष्ट्रीय आदर्शों के नाम हटाया जाना तुच्छ राजननीतिक लाभ के लिए शैक्षणिक संस्थानों के राजनीतिकरण करने और उनका दुरुपयोग करने की भयावह योजना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों को बदनाम करने के लिए इस तरह के कदमों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ‘आप’ ऐसे समय में इन ऐतिहासिक शख्सियतों के नामों को मिटाने की कोशिश कर रही है जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा हैं और मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए अमृत महोत्सव मना रहा हैं। उपराज्यपाल कार्यालय को गुमराह करने के दुष्प्रयासों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेश भाजपा मंत्री सरदार इम्प्रीत सिंह बख्शी ने कहा कि जिस प्रकार से अपनी कौमिक सोच को दिखाते हुए अरविंद केजरीवाल ने गुरु नानक जी के नामों को हटाने की कोशिश की जिनका 550वां जन्मदिन पूरे देश में मोदी सरकार में प्रकाश पर्व के रूप में मनाया। एक तरफ पंजाब में सिख मुख्यमंत्री देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ सिख समुदाय के गुरु का नाम हटाने का काम करना केजरीवाल की दोहरी सोच को दर्शता है।
अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र गोठवाल ने कहा कि कांग्रेस और केजरीवाल सरकार ने हमेशा से ही दलितों के साथ झलावा किया है। साल 2015 का चुनाव हो या साल 2020 का विधानसभा चुनाव हर एक चुनाव में केजरीवाल की जीत में दलितों का सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन अंबेडकर साहब के नाम के साथ खिलवाड़ कर केजरीवाल ने दलितों के प्रति अपनी सोच को बखूबी जाहिर किया है। लेकिन दलित समाज आज केजरीवाल की सोच को समझ चुका है और इसका जवाब आने वाले समय में जरुर मिलेगा।
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