समाजसेवी रंजन तोमर की मुहीम रंग लाई , बहने लगी बदलाव की बयार 

नोएडा: अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता , इस  सदियों पुरानी कहावत को झूठा साबित करते हुए नोएडा के समाजसेवी रंजन तोमर के प्रयासों से एक सींघ वाले गैंडे के लिए इन्साफ  और सुरक्षा की राह खोल दी है  , गौरतलब है के सन 2018 से शुरू हुए इस कारवां में एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है।

उस वर्ष तोमर के आरटीआई से यह सनसनीखेज़ खुलासा हुआ था के 2008 से लेकर 2018 तक 102 गैंडो का शिकार देश भर में हो गया था , यह खबर देश के प्रमुख मीडिया द्वारा प्रकाशित की गई , जिसकी गूँज केंद्र और राज्य सरकारों तक पहुंची , इसके बाद तोमर द्वारा पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बाबत शिकायत की एवं उचित कदम उठाने की गुज़ारिश की। गौरतलब यह भी है के पिछले दिनों श्री तोमर की आरटीआई फिर चर्चा में रही जब उन्होंने 2018 से 2020 के बीच की भी जानकारी मांगी , जिसमें पिछले 2   वर्षों में 32 गैंडों का शिकार देश भर में हुआ ऐसी जानकारी निकल कर सामने आई।
विशेष राइनो प्रोटेक्शन फाॅर्स तैयार
इन प्रयासों के बाद  सरकार ने काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में  82 स्पेशल राइनो प्रोटेक्शन फाॅर्स तैयार की है जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों हैं , इन्हे कड़ी ट्रेनिंग के बाद भर्ती किया गया है , विशेष  बात यह है के काज़ीरंगा उद्यान देश ही नहीं दुनिया में सबसे बड़े गैंडा संरक्षण उद्यानों में से एक है।  ऐसे में यह बात और भी  महत्व पूर्ण हो जाती है।
काज़ीरंगा की वेबसाइट पर तोमर का नाम , मंत्रालय को लिखा धन्यवाद पत्र
रंजन तोमर के प्रयासों को काज़ीरंगा राष्ट्रिय उद्यान की वेबसाइट द्वारा जगह दी गई है , जिसमें उनके द्वारा इस बाबत किये गए कार्य का उल्लेख है , इसके अलावा तोमर ने पर्यावरण मंत्रालय , भारत सरकार  एवं असम राज्य सरकार  को पत्र लिखकर विशेष प्रोटेक्शन फाॅर्स बनाने के लिए आभार व्यक्त  किया है।
मीडिया का जताया आभार

रंजन  का कहना है के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक समाचार पत्रों द्वारा यदि इन मुद्दों को नहीं लिखा जाता तो सरकारों पर इसका ज़्यादा असर नहीं पड़ता , किसी भी अन्य मुद्दों की तरह यह भुला दिए जाते , लेकिन मीडिया के द्वारा लगातार साथ दिए जाने का ही यह प्रभाव हुआ के विशेष एक्शन लिया गया।

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