मुजफ्फरनगर दंगों में दर्ज अपराधिक मुकदमें वापस लेने में प्रदेश सरकार की रूचि निंदनीय है
Date posted: 28 January 2019
लखनऊ 28 जनवरी। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के संगीन धाराओं में दर्ज अपराधिक मुकदमें वापस लेने में प्रदेश सरकार की रूचि निंदनीय है क्योंकि ये मुकदमें राजनैतिक रूप से धरना प्रदर्षन कर रहे लोगो पर नहीं थे। इन दंगों में सैकडों लोग असमय मृत्यु का षिकार बने थे और लगभग 50 हजार लोग बेघर हो गये थे जिन्हें टेंट में रहकर अपने परिवारों का पालन पोषण करना पडा था।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा आजाद हिदुस्तान के इतिहास में बदनुमा दाग की तरह है और इस सन्दर्भ में दर्ज हुये एक सौ पच्चीस मुकदमों का निस्तारण न्यायालय पर छोड देना चाहिए ताकि अपराधियों को सजा मिल सके और भविष्य के लिए एक नजीर बन सके। चूंकि भाजपा को इन दंगो से विगत लोकसभा चुनाव में काफी लाभ मिला था और तत्कालीन परिस्थितियों के साक्ष्य के अनुसार सांसद संजीव बालियान और विधायक संगीत सोम इन दंगों की अगुवाई कर रहे थे। इन लोगो को पिछले लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव में जीत का इनाम मिल चुका है फिर भी प्रदेष के मुख्यमंत्री इन लोगो पर दर्ज लगभग 18 मुकदमें वापस लेने की तैयारी कर चुके हैं जबकि यह मुकदमें संगीन अपराधिक धाराओं में दर्ज हैं। क्या मुकदमें वापस लेकर मुख्यमंत्री यह सिद्व करना चाहते हैं कि उन्हें प्रदेष की न्याय व्यवस्था एवं न्यायपालिका अथवा लोकतंत्र के तीसरे खम्भे पर विष्वास नहीं है या फिर पुनः लोकसभा चुनाव को देखते हुये इन दंगों के बहादुरों को पुरूस्कार देकर पुनः राजनीतिक स्वार्थ हासिल करने की फिराक में हैं।
रालोद प्रदेष प्रवक्ता ने कहा कि मुजफ्फरनगर की जनता ही नहीं उ0प्र0 की जनता के साथ साथ सम्पूर्ण देष की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की फूट डालों और राज करों की नीति को भलीभांति पहचान लिया है और 2019 के लोकसभा चुनाव में इनके बहकावे में आने वाली नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव में किसानए मजदूर तथा भारत की आम जनता साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबों पर पानी फेरने का मन बना चुकी है और इनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाते हुये किसान मसीहा चै0 चरण सिंह के सपनों का भारत बनायेगी।
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