मधेपुरा: एमबीबीएस के लिए एक सौ सीटों पर इसी सत्र से शुरू होगी पढ़ाई
Date posted: 3 November 2020
पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि एनडीए सरकार सूबे में लोगों को बेहतर, त्वरित, सुलभ और तकनीक आधारित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयासरत है। इसी का परिणाम है कि नेशनल मेडिकल कमीशन (राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग) ने इसी सत्र (2020-21) में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल काॅलेज सह अस्पताल, मधेपुरा में एमबीबीएस के लिए एक सौ सीटों पर नामांकन करने की अनुमति दे दी है।
उन्होंने कहा कि यहां पढ़ाई आरंभ होने से जहां कोसी के मेडिकल छात्रों का कम पैसे में डाॅक्टर बनने का सपना पूरा होगा, वहीं मिथिलांचल और सीमांचल के लोग भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह मेडिकल काॅलज स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोसी के लिए न सिर्फ वरदान साबित होगा, बल्कि विकास और तरक्की के भी द्वार खुलंेगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 500 बेड वाले इस मेडिकल काॅलेज 100 करोड़ से अधिक रुपए की अत्याधुनिक मेडिकल मशीन भी यहां लगी हैं। ऑपरेशन के लिए बनी 10 मॉडयूलर ऑपरेशन थियेटर की दीवार एंटी वैक्टेरियल पेंट से की गई है। एमसीआई की गाइडलाइन के हिसाब से अस्पताल और कॉलेज का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। यहां वातानुकूलित 4 लेक्चर थिएटर, 200 छात्रों की क्षमता वाले वातानुकूलित केंद्रीय पुस्तकालय भी है। इसके अलावा सभी विभागों के लिए प्रयोगशाला, छात्र-छात्राओं के लिए 378 बेड का छात्रावास, 85 बेड का रेसिडेंट छात्रावास और 110 बेड का इंटर्न छात्रावास बनाया गया है। एनडीए सरकार का पिछले 15 वर्षों सें राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में उत्तोरत्तर सुधार जारी है। अगले 5 वर्षों में और नये 11 मेडिकल काॅलेज खुलने के बाद मेडिकल काॅलेजों की संख्या 28 हो जायेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार में न सिर्फ मेडिकल काॅलेज की संख्या 9 से बढ़ाकर 17 की गई, बल्कि लोगों के बेहतर उपचार के लिए जरूरी संसाधन जुटाए गये। गंभीर बीमारी के लिए सरकारी अनुदान देने के साथ-साथ डाॅक्टर्स, नर्सेस, पैरा मेडिकल स्टाफ और तकनियिशन समेत अन्य कैटोगरी में नियुक्ति की गई। इसके अलावे दरभंगा में एम्स की भी स्वीकृति मिल चुकी है। इससे कोसी भी अछूता नहीं है। दरभंगा में एम्स के शुरू हो जाने से जहां मिथिलांचल समृद्ध होगा, वहीं कोसी के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का भरपूर लाभ मिलेगा। इससे जहां राज्य की स्वास्थ्य सेवा बेहतर और सुदृढ़ होगी, वहीं दूसरी ओर नर्सिंग की भी पढ़ाई से स्वास्थ्य सेवाओं मे गुणात्मक सुधार होगा। साथ ही रोजगार सृजण के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े रोजगार और व्यवसाय के नये अवसर सृजित होंगे।
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