इस्लाम का पहला मूल मंत्र है कि हम इंसानी जानों को बचाएं: मोहसिन रज़ा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने आज अपने एक संदेश में देशवासियों और प्रदेशवासियों को रमजान की हार्दिक शुभकामनाएं और दिली मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि हम सब जानते है कि रमजान बहुत मुबारक और रहमतों का महीना होता है। यह महीना इबादत के साथ-साथ एक एहसास भी हमें कराता है कि जब हम रोजे में हों, हम अपने आसपास, समाज में, अपने घर और पड़ोस में कौन परेशान है इसके लिए भी इबादत करें ताकि हम खुद भी बचें और दूसरों को भी बचायें।
उन्होंने कहा कि दूसरों की परेशानियो और भूख का जो एहसास रोज़ा रखते वक्त होता है उसे दूसरों तक पहुंचायें। हमारे दीन ने, हमारे मजहब ने, हमको क्या सीख दी है उन सब चीजों को मद्दे नजर रखते हुए हमें किसी की जान बचाने के लिए नमाज छोड़ना पड़ जाये, तो हमें अपनी नमाज छोड़कर उसकी जान बचाते हैं। इस्लाम का पहला मूल मंत्र है कि हम इंसानी जानों को बचाएं। उन्होंने कहा कि इस बार हम रमज़ान मनाएंगे और रमजान में इबादत भी करेंगे, नमाज भी पढ़ेंगे, लेकिन भीड़-भाड़ से दूरी रखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से स्वयं को और दूसरों को भी बचाने के लिए इसकी गाइडलाइन्स का पालन करना बहुत जरूरी है। जिन्दगी बचाने के लिए इबादत हम घर पर भी कर सकते हैं। यही हमारा दीन कहता है। रमजान के दौरान हम एक दूसरे की चिंता करते हुए घर में रहकर इबादत करेंगे और एक दूसरे के लिए दुआ भी करेंगे। जिससे कि कोरोना जैसी वबा जल्द से जल्द पूरे देश एवं दुनिया से ख़त्म हो। हम सब सुरक्षित रहेंगे, तो फिर से जिस तरह से हम ईद मनाया करते थे वह ईद का अवसर हम सबको ऊपर वाला फिर से देगा।

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