सरकार को भारी पड़ सकती है राजा भइया के मुकदमों की वापसी!
Date posted: 17 July 2020

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लिए जाने की वजह पूछी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर मुकदमे वापसी के संतोषजनक कारण सामने नहीं आए तो कोर्ट मामले में स्वतः संज्ञान लेकर इसका परीक्षण करेगी। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने एक याचिका पर सरकार से ये जवाब मांगा है।दरअसल राजा भईया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके शिवप्रकाश मिश्रा सेनानी ने ये याचिका दाखिल की है। याचिका में शिव प्रकाश ने राजा भईया से जान को खतरे के चलते सुरक्षा मिलने का जिक्र है।याची का कहना है कि उसको मिली सुरक्षा की अवधि ख़त्म होने वाली है। ये याचिका मिश्र की सुरक्षा जारी रखने को लेकर हुई है।याचिका में राजा भईया के मुकदमों की वापसी पर भी सवाल उठा, जिस पर कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है।यह आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस मुनेश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने दिया है। याचिका के अनुसार सेनानी ने राजा भैया के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था और उसे राजा भैया से जान का ख़तरा है। लिहाजा याची को शासन की ओर से सुरक्षा मिली हुई थी, जिसकी अवधि समाप्त हो रही है। सुरक्षा को जारी रखने के लिए सेनानी ने कई बार प्रत्यावेदन दिया था लेकिन उस पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा था। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि सरकारी वकील सक्षम अधिकारियों से निर्देश प्राप्त कर यह बताएं कि याची के प्रत्यावेदन पर कोई फैसला क्यों नहीं लिया गया है? कोर्ट ने कहा जवाब संतोषजनक न होने पर कोर्ट स्वतः अवमानना का संज्ञान लेगी। सरकार के इशारे पर वापस लिए गए मुकदमे तो कारण स्पष्ट किया जाए।
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