जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव मानव जीवन के लिए खतरा: डॉ. प्रेम कुमार

पटना: बिहार विधानसभा में याचिका समिति के सभापति डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि जल को अमृत कहा गया है। जल के बिना हम सृष्टि की कल्पना नहीं कर सकते हैं। जीवन के लिए वायु के बाद सबसे प्रमुख अवयव जल ही है। श्री कुमार ने कहा कि हमारे देश की विशाल एवं पवित्र गंगा यमुना तथा नर्मदा जैसी नदियां भी जल प्रदूषण से अछूती नहीं रही है। जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव सीधे-सीधे स्वास्थ्य पर पड़ता है।

दूषित जल के संपर्क में पेयजल के आने से अनेक ऐसे रोग हो जाते हैं जिससे मानव जीवन पर संकट आ जाता है। श्री कुमार ने कहा कि दूषित जल को उपचारित कर उपयोग आरोपण उद्योग में, जल छिड़काव आदि में उपयोग किया जा सकता है।जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि इन्हें दूषित जल के निस्तारण को रोका जाए एवं लोगों में जन जागरूकता अभियान फैलाया जाए।

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