सही पोषण और दवा सब सुविधा उपलब्ध होगा टी.बी. मुक्त उत्तर प्रदेश

लखनऊ: पूरे देश में टी0बी0 जैसी जानलेवा बीमारी को एक बार फिर सिर उठाता देख प्रदेश सरकार इसको समूल नष्ट करने के लिए गम्भीरता से कार्य रही है। टी0बी0 एक संक्रमक बीमारी है, जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है। इसके रोगी जल्द पहचान कर जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी इलाज प्रारम्भ करना आवश्यक है। साथ ही इसके रोगी की जल्द पहचान इसलिए भी आवश्यक है जिसमें जाने-अनजाने वह अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमित न कर सके।
प्रदेश सरकार ने टी0बी0 रोगियों की शीघ्र जाँच, उचित पोषण और दवा की उपलब्धता की दिशा में तेजी से कार्य किया है। आज प्रदेश में 145 सीबी नाट मशीन स्थापित हंै, जिससे गुणवत्तापूर्ण जांच में तेजी आई है। भारत सरकार द्वारा भी प्रदेश को निकट भविष्य में 458 ट्रू नाट मशीन और 41 डिजिटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध करायी जायेंगी। इससे जाँच में तेजी आएगी। टी0बी0 रोगियों की जांच रिपोर्ट जल्दी प्राप्त हो सके और शीघ्र इलाज प्रारम्भ हो सके, इस सुविधा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने पहली मई, 2020 से प्रदेश के सभी जिलों में सैम्पल को माइक्रोस्कोपिक सेंटर से जिला मुख्यालय और कल्चर व ड्रग सेन्सटिविटी के लिए प्रयोगशाला तक पहुँचाने के लिए डाक विभाग से करार किया। टी0बी के प्रदेश से समूल उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा, पंचायतीराज व अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर सहभागिता पर जोर दिया है।

मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस ( एम0डी0आर0) क्षय रोगियों की मुफ्त जांच के लिए कल्चर एंड डी0एम0टी0 लैब प्रयागराज, इटावा झाँसी व कानपुर नगर में भी स्थापित की जा रही है, ताकि मरीजों की जाँच घर के नजदीक मुफ्त हो सके। प्रदेश के 22 नोडल डी0आर0टी0बी0 केन्दों पर बेडाकुलीन दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए एम0डी0आर0 मरीजों का उपचार किया जा रहा हैै।

प्रदेश सरकार 29 जनपदों में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टी0बी0 संक्रमित रोगियांें की पहचान के लिए 02 नवम्बर, 2020 से 11 नवम्बर, 2020 तक दस दिवसीय सघन खोज अभियान भी चला रही है। इसके तहत अत्यधिक संवेदनशील आबादी में भी संभावित टी0बी0 मरीजों की जाँच और उपचार किया जायेगा।

प्रदेश में टी0बी0 मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने के लिए निक्षय पोषण योजना भी बड़ी मददगार साबित हुई है। उचित पोषण से दवाएं भी जल्दी असर करती है। इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक 162 करोड़ रूपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है। इसमें वर्ष 2018 में 66,22,81000 रूपये, वर्ष 2019 में 72,61,89,000 रूपये और जनवरी 2020 से अब तक   21,78,53,000 रूपये का भुगतान किया गया है। यह भुगतान सीधे बैंक खाते मंे किया जाता है। जिन क्षय रोगियों का बैंक खाता नहीं है, उनका खाता इण्डियन पोस्टल पेमेन्ट्स बैंक द्वारा मरीजों के घर जाकर खोला जा रहा है।

आज पूरा विश्व कोविड-19 के संक्रमण से लड़ रहा है। प्रदेश भी इस संक्रमण की चपेट में आकर उबर रहा है। लेकिन इस संक्रमण काल में लाॅकडाउन के दौरान भी प्रदेश मंे क्षय रोगियों के लिए उलब्ध करायी सुविधाओं मंे कमी नहीं आयी। इस दौरान नेपाल से आये एक रोगी सहित अन्य राज्यों से 493 टी0बी0 रोगियों और प्रदेश के 649 उन मरीजों को जो अन्य जिलों में पहुँचे थे, उनको समय से दवा उपलब्ध कराई गई। इस दौरान प्रदेश के समस्त टी0बी रोगियों से टेलीफोन से सम्पर्क करके दवा उपलब्ध कराई गई है।

प्रदेश मंे आज जनपदों के सभी सरकारी एवं चिन्हित निजी स्वास्थय केन्द्रों पर डाट्स सेन्टर संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार प्रमुखता से टी0बी0 के लक्षणों की जानकारी का प्रचार-प्रसार कर रही है, जिससे कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे संक्रमण का संदेह हो सरकारी अस्पताल जाकर जाँच करा सकते है।

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