झूठे संकल्प की जमीन पर विकल्प की खेती नहीं होती अखिलेश जी: केशव मौर्या
Date posted: 18 January 2022
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के भंडार में माफिया, अपराधियों, दंगाइयों को संरक्षण, अनेकानेक घोटाले और चीनी मिलों को बंदकर किसानों की बर्बादी की दास्तां रखने वाले अखिलेश यादव अन्नदाता को बरगलाने की लाख कोशिश कर लें, किसान अब उनके झांसे में नहीं आने वाले। यह उन्होंने 2017 के चुनाव में ही जता दिया था और उसे ही इस चुनाव में भी दोहराने जा रहे हैं। अखिलेश यादव को यह भली भांति समझ लेना चाहिए कि झूठे संकल्प की जमीन पर किसी का विकल्प बनने की खेती नहीं हो सकती।
यह बातें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कही। हाथ मे अन्न लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा किए गए संकल्प को सियासी ड्रामा बताते हुए उन्होंने कहा कि काश! अखिलेश संकल्प का मतलब भी समझ पाते। यदि उन्हें अन्नदाता किसानों की फिक्र रही होती तो जब जनता ने पूरे पांच साल मौका दिया था, तब वह सिंचाई, गन्ना मूल्य भुगतान, एमएसपी पर खरीद जैसे बुनियादी काम करते। इसकी बजाय उन्हें चीनी मिलों की बंदी पसंद आई, गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये का भुगतान फंसाए रखने में मजा आया। बिचौलियों को लगाकर किसानों की फसल औने- पौने दाम पर खरीदना भाया। ऐसे कार्यों की ख्याति अपने नाम करने वाले अखिलेश आखिर किस मुंह से उस अनाज को हाथ में लेकर संकल्प ले रहे हैं जिसे अन्नदाता अपने खून पसीने से उपजाता है। उन्होंने कहा कि आज झूठ के शहंशाह ‘फार्मर्स रिवाल्विंग फंड‘ बनाने और किसानों को 15 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान का वादा कर रहे हैं। बेहतर होता कि इस संकल्प के साथ वह अपने और भाजपा सरकार द्वारा किसान हित में किए गए कार्यों का भी ब्यौरा किसानों को बता देते। हिम्मत होती तो यह भी जाहिर कर देते कि किसानों को अनाज व गन्ना मूल्य का कितना भुगतान उन्होंने किया था और कितना योगी सरकार ने।
केशव जी ने कहा कि मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार ने अन्नदाता के हित में जो किया, उस आईने में अगर अखिलेश अपने काम देखेंगे तो सब कुछ स्याह दिखेगा। एमएसपी पर अनाज की रिकार्ड खरीद और भुगतान, पहली ही कैबिनेट में 36 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी, लंबित सिंचाई परियोजनाओं से लाखों हेक्टेयर भूमि सिंचन क्षमता का विस्तार, सभी चीनी मिलों को चालू करवाना, नई और अत्याधुनिक चीनी मिलों की स्थापना, खांडसारी और गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन, गन्ना किसानों को अब तक का ऐतिहासिक भुगतान, किसान सम्मान निधि आदि ऐसे अनेक कार्य और उपलब्धियां हैं जिन्हें आप भले जानबूझकर न याद रखें लेकिन हर किसान को यह अक्षरशः याद हैं। और, यही वजह है कि अन्नदाता किसान योगी सरकार को दोबारा लाने का संकल्प ले चुके हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि दरअसल सपा किसानों की दुश्मन है। फसल सूख जाती थी बिजली नही आती थी। किसानों की फसल आपदा में बर्बाद हो जाये तो 2-2 साल तक मुआवजा नहीं मिलता था। ये तो दुश्मनी हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ 55 लाख किसानों के एक वर्ष मे 6 हजार रुपये सम्मान निधि मिल रही हैं।
उन्होंने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। इनकी एक ही नीति है, जो भी योजना बने उसका 15 प्रतिशत ही योजना पाने वालों तक जाए, शेष ये सफाचट कर जाएं। भाजपा सरकार ने इस पर लगाम लगाने का काम किया है। प्रदेश ही नही देश के किसानों का समर्थन भाजपा के साथ था और रहेगा। किसान बिलो पर किसान भाई नही माने तो प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाते हुए किसान बिल वापस लिया। माफियाओ, अपराधियों, दंगाइयों के सरपरस्त और आतंकियों के पैरोकार सपा के लोग गरीबों का हित क्या जानें।
इसके पहले उन्होंने कई दलों के नेताओ को भाजपा की सदस्यता दिलाई। उनका स्वागत किया। साथ ही यह भी कहा कि 2022 में भाजपा 300 से ज्यादा सीट जीत रही है। चुनाव बाद सपा के गुब्बारे की हवा निकलने वाली है।
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