SC के 5 बार फटकार लगने पर भी दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक बार फिर से कोरोना से निपटने में स्वास्थ्य सुविधाओं के कुप्रबंधन के लिए फटकार लगाई है और कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार इतनी अड़ियल और सत्ता के नशे में मदमस्त चुकी है कि उनके लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी मायने नहीं रखता है इसलिए कोर्ट द्वारा कोरोना हो या प्रदूषण से निपटने में नाकामी के कारण 5 बार फटकार लगने पर भी दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे।

आदेश गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने भी दिल्ली की स्वास्थ सुविधा को मजबूत बनाने के लिए हस्तक्षेप किया लेकिन दिल्ली सरकार काम करने के नाम पर जस की तस मूरत बनी हुई है। आज दिल्लीवासी तो परेशान हो ही रहे हैं और व्यपारियों को भी भारी नुकसान हो रहा है। दिल्ली सरकार की न तो नीयत है काम करने की और न ही इच्छा शक्ति, इसलिए उनका काम जमीन पर नहीं दिखता है, सिर्फ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फोटो प्रचार के लिए होर्डिंग्स पर दिखती है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली सरकार की नैतिक जिम्मेदारी थी कि संकट के समय में राजनीतिक पार्टियां, समाज सेवी संस्थाएं आरडब्लूए, व्यापारिक संगठनों के साथ मिलकर काम करती लेकिन दिल्ली सरकार ने दिखावे के लिए अपने स्तर पर काम किया जिसका लाभ किसी भी दिल्लीवासी को नहीं हुआ। जिसका दुखद परिणाम है कि दिल्ली में कोरोना के मामले अनियंत्रित हो गए।
उन्होंने कहा कि मार्च में कोरोना महामारी फैली लेकिन नवंबर भी खत्म होने को है, इस बीच दिल्ली सरकार के पास पर्याप्त समय था स्वास्थ सुविधाओं को बेहतर बनाने का लेकिन न तो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की, न ही आईसीयू बेड बढ़ाएं। दिल्लीवासियों को संकट में डाल कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतने निश्चिंत होकर अपने कमरे में कैसे बैठ सकते हैं? क्या होर्डिंग्स पर फोटो लगवा कर प्रचार करने से कोरोना महामारी से जंग जीतेंगे मुख्यमंत्री केजरीवाल?

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