यू.आई.डी. ईयर टैग से गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन को मिलेगा प्रोत्साहन
Date posted: 14 October 2020
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को सुरक्षा प्रदान कर संरक्षित किए जाने के साथ ही गोवंश की पहचान हेतु यू0आई0डी0 ईयर टैग लगाए जाने की अनिवार्यता के निर्देश पर ईयर टैगिंग का कार्य पशुधन विभाग द्वारा किया जा रहा है। ईयर टैग के द्वारा पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कार्य की चरणबद्ध प्रगति आनलाइन अपडेट करने, उनकी नस्ल सुधारने, बीमारियों का पता लगाने, टीकाकरण व चिकित्सा आदि का लाभ सीधे पशुपालकों को मिलेगा।
पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ईयर टैग पशुओं के लिए आधार कार्ड की तरह है क्योंकि जिस पशु में यह लगाया जाता है, उसका विवरण जैसे मालिक की पहचान, नस्ल तथा वर्तमान स्थिति की सारी जानकारी इनाफ पोर्टल पर आनलाइन अपलोड की जाती है। एक बार सूचना इनाफ पोर्टल पर अपलोड करने के उपरान्त इयर टैग का नंबर फीड करने या बारकोड को स्कैन करने पर पशु एवं पशु स्वामी का विवरण स्वतः ऑनलाइन प्रदर्शित होगा।
इसके अतिरिक्त ईयर टैग से पशुओं की गणना भी सुनिश्चित होगी। जिसके फलस्वरूप सरकार द्वारा उनकी संख्या के अनुसार विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जा सकेगा। ईयर टैग पर 12 अंकों का विशेष नंबर होता है। इस नंबर से संबंधित पशु के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिलती रहेगी। पशुओं में ईयर टैग होने से पशुबीमा, ऑनलाइन खरीद बिक्री सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आच्छादित किए जाने में सुगमता होगी। इयर टैग के साथ ही पशुओं का स्वास्थ्य कार्ड भी दिया जा रहा है जिसमें समस्त सूचनाए अंकित की जा रही हैं।
इसके अलावा समय-समय पर कृमिनाशक दवाओं तथा दुग्ध उत्पादन का डाटा संकलित करने तथा उत्तम पशुओं के चिन्हिकरण में सहायता होगी। ईयर टैगिंग से पशुओं के खरीद बिक्री में भी पारदर्शिता आएगी। अब पशुपालक निर्धारित मानकों के अनुसार ही खरीद बिक्री कर सकेंगे। इससे पशु तस्करी पर भी रोक लगेगी। पशुओं का ईयर/आधार टैग लगे होने से पशुपालक पशुपालन से सम्बन्धित विभिन्न लाभकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ ले सकेगें।
Facebook Comments