उज्ज्वला से रौशन हो रहा है करोड़ों गरीब महिलाओं का जीवन: राजीव रंजन
Date posted: 13 August 2021
पटना: प्रधानमन्त्री उज्ज्वला योजना से गरीब महिलाओं का जीवन रौशन होने की बात कहते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाने और उनके बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर जिस उज्ज्वला योजना की शुरू की थी, वह आज सफलता और लोकप्रियता के नये कीर्तिमान गढ़ रही है. इस योजना के तहत अभी तक 8 करोड़ गरीब महिलाओं को लाभ मिल चुका है, वहीं इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसके दूसरे चरण की शुरुआत भी की जा चुकी है, जिसके तहत 1 करोड़ और लाभार्थियों को फ्री एलपीजी कनेक्शन प्रदान किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में शुरू किए गए इस योजना के प्रारंभ में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों की 5 करोड़ महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था. इसके बाद, अप्रैल 2018 में इस योजना का विस्तार कर इसमें सात और श्रेणियों अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, पीएमएवाई, एएवाई, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, चाय बागान, वनवासी, द्वीप समूह की महिला लाभार्थियों को शामिल किया गया. साथ ही, इसके लक्ष्य को बढ़ाकर 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन कर दिया गया, जिसे निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में ही हासिल कर लिया गया.
श्री रंजन ने कहा कि आज इसी योजना का असर है कि देश में साफ ईंधन यानि गैस पर खाना बनाने वाले परिवारों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है. इस योजना के शुरू होने के बाद एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़त हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी पहुंच बढ़ने से एलपीजी उपभोग में औसतन 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इससे 2.25 करोड़ टन की खपत के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता बन गया है.
श्री रंजन ने आगे कहा कि याद करें तो इस योजना के पहले देश के सिर्फ 55 प्रतिशत परिवारों में ही रसोई गैस पर खाना बनता था, लेकिन आज यह आंकड़ा 97 प्रतिशत के दर को पार कर चुका है. यानि रसोई गैस पर खाना वाले परिवारों की संख्या में रिकॉर्ड 42 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके अतिरिक्त इस योजना से गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं के साथ-साथ साँस संबंधी बिमारियों से भी मुक्ति मिल रही है. गौरतलब हो कि चूल्हे के धुएं के कारण गरीब महिलाएं एक साल में तकरीबन 400 सिगरेटों के बराबर धुआं पीने को मजबूर होती थी. लेकिन कुछ संस्थाओं द्वारा दो साल की पड़ताल के बाद यह पाया गया है कि जिस रसोई में एलपीजी पहुंची है, वहां श्वास रोग और अन्य बीमारियां 20 प्रतिशत तक घटी हैं. महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मिसाल बन चुकी इस योजना इन्ही कारणों से लोकप्रियता का नया रिकॉर्ड कायम कर रही है.
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