सहयोगियों के दबाव में सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के 4 भाजपाई सदस्यों को हटाया

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चार सदस्यों की कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही छुट्टी कर दी है।सभी हटाये गये सदस्य भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि उनके स्थान पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के सुझाए लोगों को इनकी जगह रखा जाएगा। अपना दल (एस) के कुछ नेताओं को भी समायोजित किया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने 13 फरवरी को पिछड़ा वर्ग आयोग के 24 सदस्यों को नामित किया था। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, शुक्रवार तक एकमात्र नामित सदस्य बलराम मौर्य ने कार्यभार ग्रहण किया है। शेष 23 सदस्यों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया। इनमें से चार नामित सदस्यों आगरा के राकेश कुशवाहा, देवरिया के चौधरी लक्ष्मण सिंह, गोरखपुर के चिरंजीव चौरसिया और आजमगढ़ के रामसूरत राजभर का नामांकन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि बाकी 20 सदस्य यथावत बने रहेंगे।

बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का चार्ज वापस करने का प्रस्ताव सीएम को भेजा था। लेकिन, इसे मंजूर नहीं किया गया। विभाग वापस करने के पीछे की वजह आयोग के गठन में उनकी बात न सुना जाना था। इसके बाद राजभर और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात भी हुई। इसमें जिन मुद्दों पर सहमति बनने की बात की जा रही है उनमें से एक यह भी था। राजभर ने यह कह कर सरकार पर हमला किया था कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कैबिनेटमंत्री में हूं और मेरे द्वारा दिये गए किसी नाम का समायोजन सरकार ने नहीं किया है।

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