गीता पाठ कर के हिंदुत्व को समझें राहुल, छूटेगी झूठ बोलने की आदत: जायसवाल
Date posted: 15 November 2021
पटना: भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गीता की प्रति पोस्ट की. उन्होंने कहा कि कभी कभी झूठ और दुष्प्रचार में आकंठ डूबे लोगों को सत्य का ज्ञान देना जरूरी हो जाता है. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस जिस तरह से हिंदुत्व पर हमले कर रही है, वैसी परिस्थिति में उन्हें हिंदुत्व का ज्ञान देना जरूरी हो जाता है. हम जानते हैं कि राहुल जी देश के सबसे बड़े कंफ्यूज नेता है|
इसीलिए इतने दिनों तक देश में राजनीति करने और मंदिर-मंदिर घुमने के बावजूद उन्हें हिंदुत्व का रत्ती भर भी ज्ञान नहीं हो पाया है. उनका यह कंफ्यूजन दूर हो और उनकी झूठ व दुष्प्रचार की आदत छूटे, इसीलिए हम उन्हें श्रीमदभागवत गीता की प्रति भेंट स्वरूप पोस्ट कर रहे हैं. गीता धर्म-अध्यात्म समझाने वाला महान ग्रन्थ है, जो मनुष्य को आज भी जीने की कला सिखाते हुए जीवन के विभिन्न रास्तों पर उसका मार्गदर्शन करती है. यह ग्रंथ मानव को हमेशा ही सही फैसला लेने व सत्य का मार्ग चुनने के लिए प्रोत्साहित करता है. हमें पूर्ण विश्वास है कि यदि राहुल जी ने इस ग्रन्थ को पढ़ और समझ लिया तो यकीनन वह झूठ और फूट डालो और राज करो की राजनीति से तौबा कर लेंगे.
राहुल गांधी द्वारा हिंदुत्व पर दिए गये बयान को राहुल की अपरिपक्वता व कमज़ोर ज्ञान का प्रत्यक्ष प्रमाण बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हिन्दू धर्म का विरोध शुरुआत से ही कांग्रेस के डीएनए में रहा है. महज 24 घंटे के भीतर कांग्रेस के तीन कद्दावर नेताओं द्वारा हिन्दू समाज को अपशब्द कहना उनकी इसी घृणित सोच का हिस्सा है. हमने पहले ही कहा था कि हिन्दुओं के खिलाफ यह जहरीली बयानबाजी सीधे गांधी परिवार के हुक्म से हो रही है, जिसे राहुल गांधी ने बयान देकर सच साबित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि राहुल पहले भी ऊल-जुलूल और झूठे बयान देकर यह जाहिर कर चुके हैं कि वह दुष्प्रचार के सुपरस्टार हैं, लेकिन हिंदुत्व और हिन्दुइज्म को अलग-अलग बता कर उन्होंने मूढ़ता की सारी सीमाओं को लांघ दिया है. एक पांच साल का बच्चा भी यह जानता है कि हिंदुत्व और हिन्दुइज्म में कोई फर्क नहीं होता. इनमें केवल भाषा का अंतर है जैसा भारत और इंडिया में है. लेकिन धान और गेंहूं में भी अंतर न जानने वाले राहुल गांधी ने इसमें भी फर्क खोज कर अपनी ‘बुद्धिमानी’ का ही परिचय दिया है. अब डर इस बात का है कि कहीं वह कल को दिवाली और दीपावली को भी अलग-अलग न बताने लगे.
डॉ जायसवाल ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब राहुल ने हिन्दू धर्म की गरिमा गिराने का प्रयास किया हो. दिसंबर, 2010 में विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक खुलासा किया था, जिसमें राहुल गांधी ने तत्कालीन अमेरिकी राजदूत से कहा था कि भारत को आतंकियों से अधिक ख़तरा देश के हिंदुओं से है. राहुल गांधी ने जर्मनी में हिंदू संस्कृति का अपमान किया था और कहा था कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है. इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए बोला था कि मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं और महिलाओं को छेड़ते हैं. उनके इस तरह के बयान हिन्दुओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की बुनियादी सोच को दर्शाते हैं.
उन्होंने कहा कि राहुल ने अपने बयान में उपनिषदों को पढने का दावा किया है. उनके इस दावे में कितनी सच्चाई है यह लोग अच्छे से समझ सकते हैं. लेकिन उनके बयान से यह स्पष्ट है कि उन्हें उपनिषदों का एक भी वाक्य समझ में नहीं आया है. इसके अतिरिक्त इस बात की भी प्रबल संभावना है कि उन्होंने उपनिषदों को इटालियन में पढने की कोशिश की हो. राहुल जी को हमारी सलाह है कि यदि वह सही में हिंदुत्व को समझना चाहते हैं तो हमारी भेजी हुई गीता का अध्ययन जरुर करें.
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