जलशक्ति मंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रगति की समीक्षा की

लखनऊः  उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के नहरों पर स्थित समस्त जर्जर, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण के लक्ष्य को 100 दिन के बजाय 90 दिन में ही पूरा किया जाय ताकि मई में इन कार्यों का लोकार्पण कराया जा सके। इसके साथ ही नहर की पटरियों को आवागमन के लिए सुविधाजनक बनाये जाने के लिए गड्ढामुक्त अभियान भी चलाया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि निर्माण कार्यों में हर स्तर पर गुणवत्ता व पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जाय, इसमें किसी प्रकार की अनदेखी को गम्भीरता से लेते हुए सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
डाॅ. महेन्द्र सिंह कल बुधवार देर रात्रि असम के भ्रमण से वापस आने के पश्चात अपने आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय अधिकारियों के साथ प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने 21 फरवरी, 2021 को प्रदेश की नहरों पर स्थित क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के नवनिर्माण, जीर्णोद्धार, पुनर्निर्माण के लिए महाअभियान का शुभारम्भ किया था। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिये थे कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाली जनता को आवागमन में कोई बाधा न हो इसलिए नहरों पर स्थित जर्जर व क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों का नवनिर्माण एवं मरम्मत का कार्य अभियान चलाकर 100 दिन के अंदर पूरा कराया जाय।

डाॅ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 25050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण का कार्य कराया जाना है। इसके लिए विभागीय अधिकारी तेजी से कार्यवाही करते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा दी गयी समयसीमा से पहले इस कार्य को पूरा कराएं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाय। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न जनपदों में क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के निर्माण के लिए जन-प्रतिनिधियों द्वारा मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूरा होने पर किसानों को अपने खेत-खलिहान तक आने-जाने व कृषि उपज को बाजारों तक ले जाने में सुविधा होगी।

जलशक्ति मंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों में पूरी पारदर्शिता व गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए हर कार्य की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी तथा अभिलेखीकरण कराया जाय। जिसमें प्रत्येक कार्य के पूर्व के फोटोग्राफ व कार्य के दौरान तथा कार्य समाप्ति के पश्चात फोटो लेकर संरक्षित किया जाय। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग में पारदर्शिता के लिए यह प्रक्रिया हर कार्य में अपनाई जा रही है। स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से निर्माण कार्यों का उद्घाटन, निरीक्षण आदि कराये जाते हैं। इसके अलावा महत्वपूर्ण कार्यों का सत्यापन मुख्यालय एवं शासन स्तर से भी विशेषज्ञों का दल भेजकर कराया जाता है।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्धारित समयसीमा के अंदर ही सभी निर्माण कार्यों, मरम्मत आदि को पूरा करने के लिए महाअभियान चलाकर तत्परता से कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। मौजूदा समय में 6000 से भी अधिक पुल-पुलियों पर कार्य प्रारम्भ कराया जा चुका है। इस महाअभियान में स्थानीय विधायकों एवं मा0 सांसदों की भी सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। कई जनपदों में जन-प्रतिनिधियों द्वारा कार्योें का शुभारम्भ कराया गया है। अधिकारियों ने जलशक्ति मंत्री को आश्वस्त किया कि निर्धारित समय से पूर्व पुल-पुलियों का नवनिर्माण, मरम्मत आदि का कार्य पूरा करा लिया जायेगा।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष विनोद कुमार निरंजन, प्रमुख अभियंता (बाढ़) ए0के0 सिंह, प्रमुख अभियंता (परियोजना) मुश्ताक अहमद, प्रमुख अभियंता (यांत्रिक) देवेन्द्र अग्रवाल के अलावा डी0के0 मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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