अरविंद केजरीवाल वोट बैंक की राजनीति से कब बाहर आएंगे: रमेश बिधूड़ी
Date posted: 16 December 2021
नई दिल्ली: भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि एक तरफ अरविंद केजरीवाल अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखते हैं कि ‘सब इंसान बराबर हैं चाहें वो किसी भी धर्म या जाति के हों, हमे ऐसा भारत बनाना है जहां सभी धर्म व जाति के लोगों में भाईचारा और मोहब्बत हो, न कि नफरत और बैर हो’ और दूसरी तरफ मौलवियों को अगर तनख्वाह दी जाती है तो मन्दिरों में पुजारियों को, गुरूद्वारों में ग्रन्थियों को और चर्च के पादरियों को तनख्वाह क्यों नहीं? भारत के संविधान में व्यवस्था है कि धर्म के आधार पर किसी को कोई रिजवेर्शन नही मिलेगी फिर संविधान को ताख पर रखकर अरविंद केजरीवाल इस तरह की वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
दक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में दक्षिणी दिल्ली लोक सभा के 700 मन्दिर के पुजारी अपनी मांग को लेकर केजरीवाल निवास पर पहॅुंचे। उन्होंने केजरीवाल सरकार की दोहरी नीति का विरोध करते हुए मांग की कि जब इमामो को प्रतिमाह 16000 व 18000 रूपये वेतन दिया जाता है तो हिन्दू पुजारी जो मन्दिरों में पूजा पाठ करते हैं तो उनको वेतन क्यों नहीं? उनके साथ ये भेदभाव क्यों? इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, जिला अध्यक्ष जगमोहन महलावत, प्रदेश मन्दिर पुजारी प्रकोष्ठ संयोजक करनैल सिंह जोगी सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी मौजूद थे।
रमेश बिधूड़ी ने कहा कि अगर केजरीवाल माइनोरिटी की बात करते हैं तो बौद्ध, सिख और पादरी भी माइनोरिटी में हैं और बहुसंख्यक समाज देश में रहता है तो उसको तनख्वाह क्यों नहीं? यह एक तरह से संविधान में अनुच्छेद 14 का और संविधान की मूल भाषा का सीधा-सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि एक गिरगिट प्रवृत्ति से कार्य करने वाले केजरीवाल रंग बदलकर पिछले 7 सालों से दिल्ली की जनता को ठगते आए हैं और अब उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखण्ड के निवासियों को भी इसी प्रकार लुभावनी घोषणाएं कर ठगने का प्रयास कर रहे हैं। आज उनकी कथनी और करनी का खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है। उनकी भेदभाव की कायर्प्रणाली से राजनैतिक स्वार्थ साफ दिखाई देता है।
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