एनडीए राज में आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलायें: राजीव रंजन
Date posted: 8 March 2021
पटना: प्रदेश की महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने एनडीए सरकार को महिलाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध बताया. महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा “ यह किसी से छिपा नही है कि सत्ता में आने के बाद से ही बिहार सरकार महिलाओं के चतुर्दिक विकास के लिए लगातार काम करती रही है।
यह महिला सशक्तिकरण के प्रति सरकार का संकल्प ही है, जिसके कारण बिहार पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना, वहीँ रोजगार के क्षेत्र में भी यहाँ महिलाओं को 35% आरक्षण मिल रहा है। दरअसल बिहार सरकार ने लड़कियों के जन्म से लेकर, उनकी शिक्षा-दीक्षा और उनके स्वावलंबन तक के लिए प्रावधान किए हुए हैं, जिसका बिहार की महिलाओं पर पड़ने वाला सकारात्मक प्रभाव साफ़ दिखाई दे रहा है”।
उन्होंने कहा “ याद करें तो 2005 में जब बिहार सरकार सत्ता में आयी थी तब बिहार में स्कुल जाने वाली लड़कियों का प्रतिशत महज 12.5% था। जिसे देखते हुए बिहार सरकार ने साइकिल योजना, पोशाक योजना तथा उन्हें छात्रवृति प्रदान करने जैसे कुछ साहसिक कदम उठाए। यह सरकार के उन्ही निर्णयों का परिणाम है कि आज बिहार में तकरीबन 100 प्रतिशत छात्राएं स्कुल जाने लगी है। इसके अलावा लड़कियों में उच्च शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ाना भी एक बड़ी चुनौती थी।
ज्ञातव्य हो कि पहले आर्थिक अभाव और शादी ब्याह के कारण दंसवी के बाद पढाई करने वाली लड़कियों की संख्या काफी कम थी, जिसे देखते हुए बिहार सरकार ने एक तरफ इंटर और ग्रेजुएशन पास करने वाली लड़कियों के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया दूसरी तरफ कम उम्र में लड़कियों की शादी रोकने के लिए जबर्दस्त सामाजिक जागरूकता फैलाई। सरकार द्वारा इंटर पास करने पर छात्राओं को 10 हजार और स्नातक करने पर 25 हजार की राशि दी जा रही थी, जिसे इस बजट में बढ़ाकर क्रमश: 25 हजार और 50 हजार कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा पेश हालिया बजट में महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो बिहार की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”
श्री रंजन ने कहा “ सरकार ने महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अनेकों प्रयास किए हैं. बिहार सरकार द्वारा शुरू की गयी जीविका परियोजना आज राज्य की 1 करोड़ से अधिक महिलाओं के जीवन का सहारा बन चुकी है। विश्व बैंक के सहयोग से चलायी जा रही इस परियोजना के तहत 10 लाख स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमे से तकरीबन 8.50 लाख स्वयं सहायता समूहों का निर्माण हो चुका है। आज यह परियोजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है, बल्कि इससे बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार आया है। हालिया बजट में भी महिला उद्यमियों के लिए अपना उद्योग स्थापित करने पर 5 लाख के अनुदान और 5 लाख रु तक के निशुल्क ऋण की व्यवस्था की गयी है, जो उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।”
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