महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह ने दिया किशोरों को आगे बढ़ने का आशीर्वाद

लखनऊः महिला कल्याण विभाग द्वारा राजकीय पश्चातवर्ती देख-रेख संगठन, गुडम्बा, लखनऊ के २१ किशोरो का प्ब्प्ब्प् फाउंडेशन के सहयोग से आधारभूत मोबाइल रिपेयरिंग प्रशिक्षण कराने के पश्चात उन्हे चेन्नई की फर्म लेबरनेट में 10500 रुपये के प्रारंभिक सैलरी पर नियोजित कराया गया है। इन किशोरों को चेन्नई जाने से पहले आज इन्दिरा भवन स्थित सभागार में विदाई समारोह आयोजित किया गया जिसमें बाल एवं महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग की।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है, ये जीवन में बहुत आगे बढ़े ऐसी मेरी कामना है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन मेकिंग इण्डिया व मुद्रा योजना को साकार रूप देने का यह प्रयास है। आप ज्यादा से ज्यादा कार्य कर के अनुभव प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा गया है, मेरे विभाग ने इन्ही उद्देश्यों को पूरा करने हेतु किशोरों को स्वावलंबी बनाने से शुरुआत की।

प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास वी हेकाली झिमोमी ने कहा कि लखनऊ से बस ये शुरुआत है हम भविष्य में समस्त राजकीय गृहों के बच्चों के लिए अन्य ब्ैत् संस्थाओं के माध्यम से विभिन्न अवसर विकसित करेंगे। उन्होंने सभी किशोरों को आश्वासन दिया कि नए शहर में कोई भी समस्या आने पर हमें बताएं, हम हमेशा आपके साथ हैं।

पूरे प्रयास को मूर्त रूप देने वाले निदेशक महिला कल्याण मनोज राय ने कहा कि हम राजकीय गृहों में आवासित बच्चों के भविष्य हेतु संवेदनशील है, एक निराश्रित बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने से सुखद एहसास से बढ़कर कुछ नही, प्ब्प्ब्प् फाउंडेशन के सहयोग से ये एक नई शुरुआत हैं।

ज्ञात हो कि राजकीय पश्चातवर्ती गृहों के इन सभी 21 किशोरों, अवांग, दुर्गेश, राजू, रविउल, रोहित, साजन, सुरेंद्र, शैलेन्द्र, सलीम, रोशीदुल, प्रदीप, सोनू, बबलू, राहुल, विकास, सुनील, सूरज, लखन, जोशिम तथा सुनील ने राजकीय बाल गृहों में रहते हुए अपनी शिक्षा पूरी की है, साथ ही 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद इन्हें प्ब्प्ब्प् फाउंडेशन के सहयोग से मोबाइल रिपेयरिंग का एक माह का वृहद प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान सभी किशोरों को ऑन जॉब प्रशिक्षण भी दिया गया।

प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किशोर साजन ने मंत्री स्वाति सिंह से बात करते हुए कहा कि शिक्षण के शुरुआत में बिल्कुल भी मन नही लगता था पर जैसे-जैसे मैं मोबाइल खोलना उसे रिपेयर करना सीखता गया, मेरी रुचि बढ़ती गयी और आज मैं खुश हूं कि सीखने के बाद अब मैं नौकरी के लिए चेन्नई जा रहा हूँ।

वहीं किशोर सुनील ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मैंने  कभी सोचा नही था कि इस तरह से नौकरी लगने के बाद में इतने बड़े शहर की इतनी बडी कंपनी में काम करने जाऊंगा, मेरे लिए यह सपना पूरा होने से हैं।

प्ब्प्ब्प् फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण उपरांत इन किशोरों को एक कंपलीट टूलकिट प्रदान किया गया जिससे यदि भविष्य में ये अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहें तो ये टूलकिट उन्हें मदद करेगा। विभाग द्वारा इस अवसर पर सभी किशोरों को नए शहर में नया जीवन शुरू करने हेतु समस्त आवश्यक सामान तथा एक मोबाइल प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में लखनऊ मंडल के उप निदेशक सर्वेश पांडेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी व आईसीआईसीआई फांउडेशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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