योगी सरकार नगारिकों को बेहतर विद्युत सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध
Date posted: 6 October 2020
लखनऊ : प्रदेश सरकार नगारिकों को बेहतर विद्युत सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए विद्युत विभाग को घाटे से उबारने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। वर्तमान में उ0प्र0 पावर कारोपेेशन लि0 को 81871 करोड़ रूपये का घाटा हो रहा है। इसमें सर्वाधिक घाटा वाला डिस्काम पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0 का घाटा 19373 करोड़ रूपये है। विद्युत घाटे की भरपाई के लिए सरकार प्रतिवर्ष अनुदान देती है। वर्ष 2020-21 में इसके लिए 12922 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया। इसी प्रकार विगत वर्षो मंे विद्युत उत्पादकों से खरीदी गयी बिजली के बकाये की भरपाई के लिए पीएफसी और आरईसी से 20940 करोड़ रूपये का ऋण लिया गया, जिसकी अदायगी भी प्रदेश सरकार द्वारा की जायेगी।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अरविन्द कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग को घाटा लाईन हानियंा और बिजली बिलों की अपेक्षित वसूली न हो पाने के कारण होता है। इसमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0 लाईन हानियां 20 प्रतिशत से अधिक है। इस डिस्काम में हो रहे बिजली खपत का मात्र 62 प्रतिशत ही राजस्व प्राप्त हो रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस डिस्काम के अन्तर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं में मात्र 61 प्रतिशत ने ही बिज जमा किया। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 12.5 प्रतिशत ने ही अपना बिजली का बिज जमा किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से विद्युत आपूर्ति में अभूूतपूर्व सुधार हुआ है। सभी उपभोक्ताआंे को पर्याप्त बिजली, निर्वाध बिजली मिलें, इसके लिए सभी विद्युत कर्मचारियों को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए अपने-अपने क्षेत्र की लाईन हानियां कम करके विभाग एवं जनता के हित में राजस्व बढ़ाना होगा।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से तापीय, हाइड्रो, सोलर एवं नाॅन सोलर सभी ऊर्जा óोत्रों से कुल 3973 मेगावाट बिजली की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। इसी प्रकार पारेषण क्षमता में भी जो 2016-17 में 16348 मेगावाट थी, उसे 2019-20 में बढ़ाकर 24 हजार मेगावाट कर दिया गया है। इसी प्रकार प्रदेश की अधिकतम बिजली की माँग जो वर्ष 2016-17 मंे 16110 मेगावाट थी, वह अब बढ़कर 24000 मेगावाट से भी अधिक हो गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 24 घटें विद्युत आपर्ति की जा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में पावर कारपोरेशन के घाटे मंे होने के कारण 18 घटें विद्युत आपूर्ति हो पा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत व्यवस्था को सूचारू रूप से बनाये रखने लिए तथा विद्युत घाटे को पूरा करने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपये का अनुदान देती है।ऊर्जा विभाग इस घाटे को स्वयं पूरा कर सके तो सरकार इस धनराशि को प्रदेश की जनता की भलाई के लिए अन्य कल्याणकारी योजनाओं में खर्च कर सकती है।
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