मोदी सरकार की योजनाओं से देश के अनुसूचित और पिछड़े वर्ग का हो रहा है उत्थान

नई दिल्ली: प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में आज भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने कहा कि अनुसूचित जाति के बच्चे जो कभी स्कूल नहीं गए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उनकी शिक्षा के लिए मोदी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। पहले उनके लिए बजट 1100 करोड़ रुपए का था लेकिन अब उस बजट 6000 करोड़ रुपए का किया गया। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने दलितों और पिछड़े वर्ग के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए योजनाओं को लागू नहीं किया है। इस अवसर पर सासंद हंसराज हंस, अनुसूचित जाति मोर्चा महामंत्री राजकुमार फुलवारिया, दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष कर्म सिंह कर्मा प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे।

राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें मौलिक अधिकार दिलाने का काम किया है। मोदी जी ने संकल्प लिया था कि वह दलितों को नौकरी लेने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाएंगे और इस दिशा में पहले कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए और दूसरे कार्यकाल में उन्हें स्वावलंबी और मजबूत बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। आजादी के बाद कांग्रेस ने दलितों और पिछड़े वर्ग को शिक्षा से वंचित रखकर उन्हें समाज में आगे नहीं बढ़ने दिया, उसी तरह आम आदमी की पार्टी सरकार दिल्ली के दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे बढ़ने से रोक रही है। सबको शिक्षित बनाने के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपने को पूरा करने का कार्य मोदी जी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए “अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)“ की केंद्रीय प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है ताकि वे अपने उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें। इससे 60 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे और समय पर भुगतान, व्यापक जवाबदेही, निरंतर निगरानी, पूर्ण पारदर्शिता तथा बिना विलम्ब के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी। राज्य पात्रता, जातिगत स्थिति, आधार पहचान तथा बैंक खातों के ब्यौरे की ऑनलाइन पोर्टल पर अभेद्य जांच करेंगे। मंत्रिमंडल ने 59,048 करोड़ रुपए के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है जिसमें से केंद्र सरकार 60 प्रतिशत खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाएगी।

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