कानपुर कांड की एसआईटी जांच शुरू,परत दर परत खुलेगी विकास और उसके करीबियों की हकीकत!
Date posted: 12 July 2020
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। चंद दिनों पहले पुलिस को खिलौना समझने वाले बिकरु गांव के लोग अब पुलिस देख कर दहशत में आ जा रहे हैं। 2 जुलाई की रात के बाद पुलिस का रौद्र रूप देख कर अधिकतर गांव के लोग अभी तक फरार ही हैं। उन्हें शंका है कि पुलिस के हाथ पड़ गये तो जाने के क्या हो जाये। कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्याकांड से संबंधित सभी पहलुओं की जांच और गांव के लोगों को निर्भय करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) रविवार सुबह विकास दुबे के गांव बिकरू पहुंच गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव संजय भूस रेड्डी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल गठित कर 31 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है। बिकरू गांव पहुंची जांच दल में एडीजी हरेराम शर्मा, डीआईजी जे रवींद्र गौड़ शामिल हैं। एसआईटी टीम यहां घटना के कारणों की पड़ताल से लेकर मुठभेड़ तक के बिंदुओं की जांच कर रही है। जांच दल के पहुंचने से पहले मौके पर पहुंचे डीएम डॉ. ब्रह्मदेवराम तिवारी और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने उस स्थल का फिर दौरा किया जहां घटना के बाद मुठभेड़ में विकास दुबे के दो लोग मारे गए थे। घटना में शामिल दोनों आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार हो गए थे। इनके पास से पुलिस को लूटे गए असलहे बरामद हुए थे। बिल्हौर तहसील के एसडीएम और तहसीलदार भी बिकरू गांव पहुंच गए हैं। एसआईटी को घटना से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं के साथ ही गहन अभिलेखीय एवं स्थलीय जांच करते हुए 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करानी है। घटना के पीछे के कारणों जैसे विकास दुबे पर जो भी मामले चल रहे हैं, उनमें अब तक क्या कार्रवाई हुई।विकास के साथियों को सजा दिलाने के लिए जरूरी कार्रवाई की गई या नहीं। जमानत रद्द कराने के लिए क्या कार्रवाई की गई। विकास के खिलाफ कितनी शिकायतें आईं? क्या चौबेपुर थाना अध्यक्ष और जिले के अन्य अधिकारियों ने उनकी जांच की। विकास और उसके साथियों पर गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए के तहत क्या कार्रवाई की गई? कार्रवाई करने में की गई लापरवाही की भी जांच की जाएगी। विकास और उसके साथियों के पिछले एक साल में कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) की जांच करना। विकास के संपर्क में आने वाले पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के सबूत मिलने पर उन पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करना। घटना के दिन पुलिस को आरोपियों के पास हथियारों और फायर पावल की जानकारी कैसे नहीं मिली।इसमें हूई लापरवाही की जांच करना, थाने को भी इसकी जानकारी नहीं थी, इसकी भी जांच करना।अपराधी होने के बावजूद भी विकास और उसके साथियों को हथियारों के लाइसेंस किसने और कैसे दिए।
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